2 अप्रैल 2012
लंदन | दिल के दौरे के बाद दिल की कोशिकाओं को पहुंचे नुकसान को दूर किया जा सकता है। एक नए अध्ययन के मुताबिक इसके लिए आपको अपने दिल को आराम देना होगा।
इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने चूहों पर यह अध्ययन किया। अध्ययन के मुताबिक दिल के दौरे से दिल की मांसपेशीय कोशिकाओं पर जो प्रभाव पड़ता है वह स्थायी नहीं होता है। इस खोज ने दिल के इलाज की दिशा में नए दरवाजे खोले हैं।
दिल के दौरे की स्थिति में दिल की मांसपेशियां बहुत कमजोर हो जाती हैं। सिर्फ ब्रिटेन में ही दिल के दौरे से पीड़ित लोगों की संख्या करीब 750,000 है।
'यूरोपीयन जर्नल ऑफ हार्ट फेलियर' के मुताबिक गम्भीर दिल के दौरे की स्थिति में एक साल के अंदर मौत का खतरा रहता है, जो गम्भीर प्रकार के ज्यादातर कैंसर से ज्यादा खतरनाक है। इसे देखते हुए दिल के रोगों के लिए नए इलाजों की सख्त जरूरत है।
दिल के दौरे की शिकायत वाले कुछ मरीजों में कभी-कभी एलवीएडी (बाएं निलय को मदद देने वाली युक्ति) प्रणाली लगा दी जाती है। एलवीएडी एक छोटा पम्प होता है, जो ह्रदय के कार्यो को तेज कर देता है और बाएं निलय पर दबाव को कम करता है। बायां निलय दिल का सबसे बड़ा भाग है, जहां से पूरे शरीर के लिए रक्त पम्प किया जाता है।
साल 2006 में माग्डी याकूब के नेतृत्व में इम्पीरियल के शोधकर्ताओं ने प्रदर्शित किया था कि एलवीएडी लगे दिल को एक निश्चित समय तक आराम देने से दिल की मांसपेशियां स्वस्थ होती हैं।
शोधकर्ताओं ने ह्रदयाघात की स्थिति में चूहे के दिल की मांसपेशियों की कोशिकाओं में हुए बदलावों को देखा। आराम से इन कोशिकाओं को स्वस्थ होते देखा गया।
नेशनल हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट के सीजेर टेरेसिएनो का कहना है कि यदि आपके पैर की मांसपेशी में चोट लग जाती है तो आप उसके स्वस्थ होने के लिए आराम करते हैं।
उन्होंने कहा, "लेकिन दिल आराम नहीं कर सकता, उसे लगातार काम करना पड़ता है। एलवीएडी तकनीक के जरिए दिल के काम के बोझ को कुछ हद तक कम किया जा सकता है और इससे दिल के स्वस्थ होने में मदद मिलती है।"
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